राजपूतों की जो कुलदेवियां है वह ही कुंबावतों की कुलदेवियां हैं क्योंकि राजपूतों से ही कुंबावत या कुमावत बने थे। राजपूत जातियों की कुलदेवियां इस प्रकार है-
सर्वप्रथम इन 6 राजपूत जातियों से 12 गौत्र बने थे जोकि इस प्रकार है – भाटी राजपूत से- बोरावड़ , मंगलराव, भूटिया, पोड़, लीमा। पंवार राजपूत से- दुगट, रसीयड। पड़िहार राजपूत से – मेरथा। चौहान राजपूत से – टाक । राठौड़ राजपूत से – कालोड़, कीता। गोहल राजपूत से – सुडा। कई राजपूत जातियां इसके पक्ष में आई ! जिन जिन राजपूत जातियों ने विधवा विवाह, नाता करना स्वीकार किया उनकी एक अलग जाति बनाने का प्रस्ताव आया और उस समय उनकी राजपूतों से अलग जाति शकुन लेकर बनाई गई !
जाति-नामकरण के दिन 50 गौत्र और बने । इस प्रकार कुल 9 राजपूती जातियों से 12+50=62 गौत्र बने थे जो कि इस प्रकार है —
भाटी राजपूत चंद्रवंशी |
कुलदेवी- स्वांगिया माता, तन्नोट माता , आवड़ माता , बीरमणीमाता ,
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गौत्र- बोरावड़ , मंगलराव ,पोहड़ , पोड , लिमा या लांबा , खुड़िया , भाटिया , माहर , नोखवाल , मंगलोड़ा , डाल , भाटीवाल , जटवाल , मोर , भिड़ानिया , सोकल , तलफियाड़ ,आईतान |
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चौहान राजपूत अग्निवंशी | कुलदेवी- आशापुरा माता, ! |
गौत्र- टाक , बग या बाकरचा , सुवाल , सरडीवाल , गुड़िया , माल , मावर ,घोड़ेला , सिंघोटिया , निम्बीवाल , छापरवाल , सिरसावा , कुकड़वाल , भरिया , कलवासना , खनारिया |
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पवार राजपूत अग्निवंशी | कुलदेवी- कालका माता , संचियाय माता , बाकल माता । | गौत्र- लकेसर , छापोला , जाकड़ा , रसीयड़, दुगट, पेसवा, आरोड़, किरोड़ीवाल ! | ||
पड़िहार राजपूतों से | कुलदेवी- चावंढा माता या चामुंडा माता । | गौत्र- मेरथा, चांदोरा, गम , गोहल , गंगपारिया, मांगर, धुतिया ! | ||
राठौड़ राजपूतों से | कुलदेवी- नागणेचिया माता । | गौत्र- चाडा, रावड़, जालप, कीता, कालोड़ , दांतलेचा, पगाला, सुथोढ ! | ||
तंवर राजपूतों से | कुलदेवी- चिलाय माता ,शंकरराय माता। | गौत्र- गेदर , सावल या सावलचा , कलसिया ! | ||
दैया राजपूत से | कुलदेवी- केवाय माता (परबतसर ) | गौत्र- दैया या दहिया ! | ||
सिसोदिया राजपूत सूर्यवंशी | कुलदेवी- बाण माता , बाणेश्वरी माता । | गौत्र- ओस्तवाल , कुचेरिया ! | ||
गोहल राजपूत से | कुलदेवी- बाण माता , बाणेश्वरी माता । |
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